Source: Dainik Jagran |
आज बात दिल से दिल की.....क्योंकि
आज है, विश्व हृदय दिवस। लेकिन उसके पहले हम बात कर लेते हैं, दिल के क्रियाकलापों
की और इस बार के विश्व हृदय दिवस की थीम क्या है? तो इस बार की थीम जो तय की गई है, वह है- “हृदय का प्रयोग करें, और हृदय को समझें” कुछ लोगों के मन में सवाल आ रहा होगा। कि क्या यह महत्त्तवपूर्ण विषय है। जिस
पर चर्चा किया जा सकता है। तो इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि हर एक
लाख मौतों में 28 हजार मौतें हृदय रोग से ही हो रही हैं।
कुछ जानकारी अपने दिल के
बारें में..
सबसे पहली बात जो हमें जाननी चाहिए.....की हमारा दिल 1 मिनट में लगभग 60 बार धड़कता है, और रोजाना लगभग 1 लाख बार धड़कता है। इसकी एक खास बात और जो हमें जाननी चाहिए कि हमारा दिल 1 मिनट में लगभग 6.8 लीटर रक्त पंप करता है। इसके अलावा अगर हम इसके भार के बारे में बात करें तो महिलाओं और पुरुषों में इसका भार अलग-अलग होता है। पुरुषों में दिल का भार 340 ग्राम वहीं महिलाओं में इसका भार 280 ग्राम होता है।
दिल की बिमारी के क्या हैं,
मायनें..
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत
में हर हार्ट अटैक से होने वाली 10 में से 4 मौतें 50 साल से कम उम्र के लोगों कि
हो रही है। और इसका सबसे बड़ा कारण जो माना गया है। लोगों के खान-पान में हो रहे लगातार परिवर्तन....अनियमित और असमायिक सोने
की आदत। लोगों के अनुसार हृदय रोग को पहले बुजुर्गो की बिमारी माना जाता था। लेकिन
अब यह बिमारी हर उम्र के लोगों को रही है। अमेरिका स्थित कार्ड़ियो मेटाबोलिक
इंस्टीट्युट के रिपोर्ट के अनुसार 2000 से 2016 के बीच, भारत में 2 प्रतिशत युवाओं में यह बिमारी देंखी गई है।
हार्ट अटैक आने पर क्या
करें...
सबसे पहले आपको मरीज को देख
कर घहराना नहीं है। क्योंकि कई बार जल्दबाजी में कई काम गड़बड़ हो जाते है....आप
सबसे पहले
एम्बुलेंस को काल करें उसके बाद गाड़ी आने तक आप प्राथमिक उपचार के रुप में मरीज
को एस्पिरिन की गोली दें और उसे चबाने के लिए बोलें क्योंकि जब हार्ट अटैक आता है,
तो खून के थक्के जमने लगते है। और एस्पिरिन खून का थक्का जमने से रोकती है। इसके
अलावा आप मरीज को तुरन्त सीपीआर दें। क्योंकि सीपीआर सांस न ले पा रहे और बेहोश हुए
इंसान की जान बचाने में काफी मद्द करता है।
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