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दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को उत्पाद शुल्क नीति मामले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा, गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली सीएम केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई शुरू कर दी है। ‘आप’ सुप्रीमो की याचिका में उनकी तत्काल रिहाई की मांग की गई है और इसे न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
वर्तमान में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ईडी की हिरासत में हैं। जहां से वह अपनी सरकार चला रहें हैं। केजरीवाल ने ईडी हिरासत से ही जल मंत्री आतिशी और स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को "दिशा-निर्देश" जारी किए। जिसमें उन्होंने पानी और सीवर से संबंधित शिकायतों का समाधान करने के लिए कहा और दूसरे में शहर के सभी मोहल्ला क्लीनिकों में दवाएं उपलब्ध कराने के लिए कहा है। जिसके बाद से ही, भाजपा ने केजरीवाल के खिलाफ "शक्ति और अधिकार के अनधिकृत उपयोग" को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से ही लगातार आप नेताओं और कार्यकर्ताओं का राष्ट्रीय राजधानी और देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन चल रहा है।
आम आदमी पार्टी का क्या होगा?
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अगर केजरीवाल को जल्द ही अदालतों से राहत नहीं मिलती है, तो AAP को अस्तित्व के संकट का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि अल्पावधि में वह एक ऐसे नेता की सेवाएं खो देगी, जिसका सामूहिक अपील के मामले में पार्टी में कोई समकक्ष नहीं है। इससे पार्टी के लिए गंभीर चुनौती खड़ी होने की संभावना है और पंजाब जैसे राज्य में इससे मतदाता कांग्रेस की ओर अधिक आकर्षित हो सकते हैं।
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