Source: IIMC Jammu |
IIMC जम्मू में 14 सितंबर को आयोजित हिन्दी दिवस के आयोजन पर साहित्यकारों और पत्रकारों ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए| जिसका विषय "जम्मू कश्मीर मे हिन्दी की स्तिथि और संभावनाए" था| यह आयोजन दो सत्रों में आयोजित किया गया था| जिसके पहले भाग में अतिथि के रूप में आए हुए साहित्यकारों और पत्रकारों ने अपने-अपने विचार रखें| वही दूसरे सत्र में छात्रों ने "मीडिया में हिन्दी की स्तिथि और संभावनए" पर अपने विचार प्रस्तुत किए|वहीं आयोजन में उपस्थित भारतीय जन संचार संस्थान के क्षेत्रीय निदेशक अनिल सौमित्र ने कहा की "हिन्दी भाषा हमारे राष्ट्र की अस्मिता और गौरव का प्रतीक" है|
जम्मू कश्मीर के लोग अब हिन्दी भाषा से अछूते नहीं
वरिष्ठ पत्रकार संजीव दुबे ने बच्चों को संबोधित करते हुए बताया की जम्मू कश्मीर में अब पहले जैसी स्तिथि नहीं रही| पहले लोगों को हिन्दी भाषा को समझने मे समस्या होती थी| लेकिन जैसे-जैसे समय बीता और संचार के माध्यम बढ़े तो लोगों के अंदर भी जिज्ञासा हुई| और आज उसका ये परिणाम है| 95 प्रतिशत लोगों को हिन्दी बोलनी भी आती है और समझ में भी आती है| संजीव जी ने आगे कहा की ये कही न कही हमारे हिन्दी भाषा के लिए गर्व की बात है| की लगातार हिन्दी भाषा का विस्तार हो रहा है| और उसी का परिणाम है की आज हिन्दी पूरे विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली तीसरे नंबर की भाषा बन चुकी है|
"हिन्दी हैं हम" का उदारण हो रहा है, साकार
आयोजन मे दूसरे वक्ता के रूप में अपनी भूमिका निभा रहे वरिष्ठ पत्रकार अनिल गक्खड़ ने "हिन्दी हैं हम" का नारा देते हुए एक बढ़ी बात बोली| उन्होंने हिन्दी भाषा की विस्तार पर चर्चा करते हुए कहा की आज हिन्दी का अस्तित्व लगातार बढ़ता ही जा रहा है| इसका उन्होंने खूबसूरत उदाहरण देते हुए जम्मू और कश्मीर के विश्वविधायलों की भी चर्चा की | उन्होंने कहा की पहले जम्मू और कश्मीर में हिन्दी भाषाई छात्रों की संख्या बहुत काम हुआ करती थी| लेकिन धीरे-धीरे जब से हिन्दी का अस्तित्व बढ़ा है तब से हिन्दी भाषाई छात्रों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है| और लगातार हिन्दी का प्रचार-प्रसार भी बढ़ रहा है|
जम्मू में कभी भी हिन्दी बोलने में ना करें संकोच
जम्मू की मशहूर गायिका सीमा सहगल ने अपने विचार रखते हुए छात्रों से कहा की आप जम्मू में काही भी जाए| लेकिन काभी हिन्दी बोलने से कतराए नहीं,कभी भी हिन्दी बोलने में संकोच ना करें| उन्होंने कहा की हमेशा हिन्दी को जानने की कोशिश करते रहे| कभी भी नौकरी के पीछे ना भागे, क्योंकि आपको हिन्दी में बहुत अच्छे सारे शब्द मिल जाएंगे| जब आप हिन्दी साहित्य पढ़ना शुरू करेंगे तो आपको इसका एहसास होगा| और जब आपको ढ़ेर सारे शब्दों का ज्ञान हो जाएगा| तो आप अपना रास्ता खुद चुन लोगे और आपको नौकरी ढूँढने की जरूरत नहीं पड़ेगी|
हिन्दी भाषा हमारे राष्ट्र की अस्मिता और गौरव का प्रतीक
हिन्दी दिवस की अध्यक्षता कर रहें भारतीय जन संचार संस्थान के क्षेत्रीय निदेशक अनिल सौमित्र ने बच्चों संबोधित करते हुए कहा की हिन्दी भाषा हमारे राष्ट्र की अस्मिता और गौरव का प्रतीक है| इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का जिक्र करते हुए कहा की हमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह अपनी भाषा पर गर्व होना चाहिए| क्योंकि हाल ही में प्रधानमंत्री ने G20 शिखर सम्मेलन को हिन्दी में संबोधित किया था|
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में बच्चों ने मीडिया में हिन्दी की स्तिथि और संभावनाओ पर अपने विचार रखें| भारतीय जन संचार संस्थान की छात्रा रतन ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि भाषा केवल अभिव्यक्ति का माध्यम है ना की किसी के व्यक्तित्व का परिचय देती है| इसके अलावा संजय नाम के छात्र ने हिन्दी दिवस पर अपने विचार रखते हुए भाउक स्वर में कहा की अंग्रेज जो सोचते थे और कहते थे की अंग्रेज तो यक दिन चले जाएंगे लेकिन उनकी छाप हमेशा रहेगी और आज उसी का नतीजा है की अगर हमे हिन्दी दिवस के लिए भाषण भी लिखना होता है| तो हम Hinglish में लिखते है, ना की हिन्दी भाषा में|
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