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कतर में मौत की सजा पाए आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों के परिवारों को राहत देने वाली खब़र सामने आई है। कतर की अपीलीय अदालत ने गुरुवार को सजा पाए आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों की मौत की सजा को कम कर दिया है। क़तर कोर्ट के फैसले की जानकारी देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा की सुनवाई के दौरान भारतीय राजदूत अपने अन्य अधिकारियो समेत सभी सैनिकों के पिरजन कोर्ट में मौजूद थे। मंत्रालय ने आगे बताया कि विस्तृत आदेश का इंतज़ार है, लेकिन सज़ा कम कर दी गई हैं।
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कतर के द्वारा लिए गए इस फैसले को हिन्दूस्तान की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। बता दें की इसी महीने दुबई में आयोजित ‘सीओपी-28’ के शिखऱ सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की थी। कतर शेख से मिलने का बाद मोदी ने कहा था की उन्होंने कतर में भारतीय समुदाय के कल्याण को लेकर चर्चा की है।
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गौरतलब है कि साल 2022 के अगस्त महीने में भारत के आठ पूर्व नौसैनिकों को जासूसी के आरोप में, कतर में गिरफ्तार कर लिया गया था। जिसके बाद कतर कोर्ट में दो महीने तक चले सुनवाई के बाद अक्टूबर में सभी आठ पूर्व सैनिकों को मौत की सजा सुनाई थी। हलांकि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपो को कतर अधिकारियों ने सार्वजनिक नहीं किया था। बता दें कि सभी आठों पूर्व नौसैनिक कतर के दोहा स्थित ‘दहरा ग्लोबल’ कंपनी के कर्मचारी थे। दहरा ग्लोबल एक निजी कंपनी है, जो कतर के सशस्त्र बलों और सुरक्षा एजंसियों को प्रशिक्षण और अन्य सेवाएं प्रदान करती है। इस पूरे मामले में विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा, ‘ कतर में हमारे राजदूत और अन्य अधिकारी परिवार के सदस्यों के साथ गुरूवार को अपीलीय अदालत में मौजूद थे। हम मामले की शुरूआत से उनके साथ खड़े हैं और हम उन्हें सभी कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। हम इस मामले को कतर के अधिकारियों के समक्ष भी उठाते रहेंगे।’
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